पीलीबंगा त्न साध्वी सुमनश्री के
सानिध्य में गुरुवार को जैन भवन प्रांगण में स्वाध्याय दिवस मनाया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत साध्वी मधुरलता के मंगल गीत 'करो स्वाध्याय बड़ा आनंद
आएगा' के साथ हुआ। उन्होंने बताया कि स्वाध्याय वह रसायन है जिससे ज्ञान
चेतना को जगाकर मनुष्य महाज्ञानी बन जाता है। सत्संगति, सद्विचार व
सद्साहित्य जिसके पास हैं वह व्यक्ति सबसे ज्यादा धनवान है। उन्होंने
प्रवचनों के दौरान भगवान महावीर के 27 भवों में नयसार भव का मार्मिक विवेचन
किया, जिस समय देश आजाद हुआ था उस समय आचार्य श्री तुलसी ने अणुव्रत
आंदालन के तहत राष्ट्र के चरित्र निर्माण का दिशा बोध कराते हुए देशवासियों
को असली आजादी का बोध करवाया। साध्वी अपूर्वयशा व सुरेखाश्री ने दिमाग और
विचारों को स्वस्थ रखने के लिए स्वाध्याय को जरूरी बताया। जैन सभा अध्यक्ष
डूंगरमल दुग्गड़ सहित तेरापंथ सभा, तेयुप, महिला मंडल व कन्या मंडल के
पदाधिकारियों की उपस्थिति में राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन किया।
सांस्कृतिक संध्या में कन्या मंडल की सदस्यों ने राजा हरिशचंद्र नाटक का
शानदार मंचन किया। महिला मंडल द्वारा बच्चों को पुरस्कृत किया गया। संचालन
प्रतिभा व सुश्री पूजा जैन ने किया। विनोद छाजेड़ ने सभी का आभार जताया।
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